शब्द का अर्थ
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					स्वभावज अलंकार					 :
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					पुं० [सं०] साहित्य में संयोग श्रृंगार से प्रसंग में स्त्रियों की कुछ विशिष्ट आकर्षक या मोहक अंग भंगियां और बातें, जिनसे उनकी आंतरिक भावनाएँ प्रकट होती है, और इसीलिए जिनकी गिनती उनके अलंकारों में होती है। लोक में इसी तरह की बातों को हाव कहते हैं। दे० हाव। विशेष–यह नायिकाओं के सात्त्विक अलंकारों के तीन भेदों में से एक है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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